हिंदी का यह जयगान विश्वा के सबसे ताकतवर आदमी की जुबान से

हिन्दुस्तानी महानगरीय उपेक्षा बोध के बिच लगातार ताकतवर बन रही हिंदी ने वाईट हॉउस में दस्तक दे दी है. इस दस्तक का जरिया हमारे अपने राजनेता या हिंदी भासी हस्तिया नहीं बनी. दुनिया के सबसे बड़े सत्ता के केंद्र वाईट हॉउस में हिंदी का यह जयगान विश्वा के सबसे ताकतवर आदमी की जुबान से हुआ है. वाईट हॉउस में भारतीय प्रधानमंत्री के सम्मान में दिए गए भोज में उन्होंने मनमोहन सिंह का ठेठ हिंदी में स्वागत किया. बराक ओबामा ने यह कहकर की ''आपका स्वागत है'' अमेरिका की धरती पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल का दिल ही नहीं जीता, बल्कि यह साफ़ सन्देश भी दिया की हिंदी और उसे बोलने वाले करीब पचास करोड़ लोगो को लेकर उनका नजरिया कैसे बदल रहा है. इससे साफ़ हुआ है की आने वाले दिनों में अमेरिकी राजनीती के लिए हिंदी और हिन्दुस्तानी लोग अहम् होने जा रहे है. उदारीकरण के मौजूदा दौर में हिंदी भाषा बाज़ार की एक बड़ी ताकत बन गयी है. लेकिन कटु सच्ची बात यह है की अब भी हमारे निति नियंताओ और अभिजन समाज के विमर्श का यह माध्यम नहीं बन पाई है.